गुरुवार, 22 जून 2017

रख होठों में मुस्कान भैये

काहे रहता परेशान भैये
खुद पर कर एहसान भैये
धीरे धीरे ही चलता जा
होगा सफ़र आसान भैये

पूरे तो सबके होते नही
हर एक अरमान भैये
खुद से जो तू हार गया
हो जाएगा गुमनाम भैये

औरों को गर जान लिया
खुद को अब पहचान भैये
जीवन 'सरल' हो जाएगा
रख होठों में मुस्कान भैये

सुरेश राय 'सरल'

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