शुक्रवार, 6 सितंबर 2013

अब सार्थक करो उपाय


मुद्रा बाजार मे है गिर रही, भारतीय रुपये की साख,
बैठे है अर्थशास्त्री सरकार संग, बंद किये हुये आँख,

“सोने” की चिडियाँ को, “गिरवी” के जाल से न पकडा जाये
गुलामी की जंजीर मे, देश को फिर से न जकड़ा जाये

घौटालों की रकम पर फिर ,जरा गौर फरमाया जाये
ठण्डी अर्थव्यवस्था को, उन पैसों से गरमाया जाये

विनय है इनसे सुरेश की, अब सार्थक करो उपाय,
विदेशों मे जमा जो काला धन, वो वापस आ जाये,

देश उबरे आर्थिक मंदी से “रुपया” भी मजबूती पाये,
अर्थव्यवस्था की डूबती नैया को, किनारा मिल जाये

सुरS

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें